Menu

मनोज जानी

बोलो वही, जो हो सही ! दिल की बात, ना रहे अनकही !!

header photo

Blog posts : "latest"

लीक तंत्र का लोकतंत्र

          हमारे किसी महापुरुष ने कहा था कि हमारा देश, लोकतंत्र की जननी है। लेकिन आजकल हमारा प्यारा देश लीक- तंत्र का पप्पा बना हुआ है। देश में हर तरफ खटाखट- खटाखट पेपर लीक हो रहे हैं। पेपर लीक में हम लोग दुनिया में नंबर वन बन गए हैं। हमारे पप्पा युद्ध भले ही रुकवा लें, लेकिन एक भी पेपर लीक नहीं रोक …

Read more

लीक तंत्र का लोकतंत्र (व्यंग्य)

हमारे किसी महापुरुष ने कहा था कि हमारा देश, लोकतंत्र की जननी है। लेकिन आजकल हमारा प्यारा देश लीक- तंत्र का पप्पा बना हुआ है। देश में हर तरफ खटाखट- खटाखट पेपर लीक हो रहे हैं। पेपर लीक में हम लोग दुनिया में नंबर वन बन गए हैं। हमारे पप्पा युद्ध भले ही रुकवा लें, लेकिन एक भी पेपर लीक नहीं रोक पा रहे। हम…

Read more

अबकी बार ! बस कर यार !

जब से घोषित हुआ है चुनाव। वोटरों के बढ़ गए हैं भाव। वोटरों के लिए हर दिन त्योहार है। चारों ओर नारों की बौछार है। अबकी बार, फलां सरकार। अबकी बार, फलां सौ पार। बहुत हुआ बेरोजगारी की मार, अबकी  बार फलाने की सरकार। बहुत हुआ महंगाई की मार, अबकी बार फला पार्टी की सरकार। ये सब सुन-सुन कर मैं हो गया था लाचार…

Read more

अबकी बार ! बस कर यार ! (व्यंग्य)

जब से घोषित हुआ है चुनाव। वोटरों के बढ़ गए हैं भाव। वोटरों के लिए हर दिन त्योहार है। चारों ओर नारों की बौछार है। अबकी बार, फलां सरकार। अबकी बार, फलां सौ पार। बहुत हुआ बेरोजगारी की मार, अबकी  बार फलाने की सरकार। बहुत हुआ महंगाई की मार, अबकी बार फला पार्टी की सरकार। ये सब सुन-सुन कर मैं हो गया था लाचार…

Read more

जोगीरा सा रा रा रा रा … (होली स्पेशल) - 2024

निकल रही है महंगाई से, फाग में मुंह से झाग
डीजल गैस के दाम ने देखो, पकड़ लिया है आग
जोगीरा सा रा रा रा रा …

बेगारी सुरसा के मुंह सी, बढ़े यह…

Read more

जोगीरा सा रा रा रा रा … (होली स्पेशल) - 2024

निकल रही है महंगाई से, फाग में मुंह से झाग
डीजल गैस के दाम ने देखो, पकड़ लिया है आग
जोगीरा सा रा रा रा रा …

बेगारी सुरसा के मुंह सी, बढ़े यह…

Read more

बुरा न मानो...

होली में, बुरा न मानने की बोली, दिल में गोली की तरह लगती है। 'बुरा न मानो', हमारे देश में सदियों से चली आ रही बड़ी प्यारी धमकी है कि 'भइया, हम तो तुम्हारे साथ बुरा करेंगे, लेकिन तुम बुरा मत मानना’। यानी, मारेंगे भी और रोने भी नहीं देंगे। आजकल तो यह हालत हो गयी है कि अगर सरकार की किसी भी बात का बुरा …

Read more

बुरा न मानो...

होली में, बुरा न मानने की बोली, दिल में गोली की तरह लगती है। 'बुरा न मानो', हमारे देश में सदियों से चली आ रही बड़ी प्यारी धमकी है कि 'भइया, हम तो तुम्हारे साथ बुरा करेंगे, लेकिन तुम बुरा मत मानना’। यानी, मारेंगे भी और रोने भी नहीं देंगे। आजकल तो यह हालत हो गयी है कि अगर सरकार की किसी भी बात का बुरा …

Read more

अब तो जाग ससुर के नाती...

अब तो जाग ससुर के नाती...
 

निकला सूरज, रात है भागी।

अब तो जाग, ससुर के नाती।
 

पांच किलो गेहूं चावल की,

तुम मरते हो लाइन में।…

Read more

गुनहगार भी तुम्हीं..

मुंसिफ भी हो तुम्ही, और गुनहगार भी तुम्हीं।

तुम ही हो कार्पोरेट, और सरकार भी तुम्हीं।

 

जनता को कौन राह, दिखाएगा आजकल,…

Read more

गुनहगार भी तुम्हीं..

मुंसिफ भी हो तुम्ही, और गुनहगार भी तुम्हीं।

तुम ही हो कार्पोरेट, और सरकार भी तुम्हीं।

 

जनता को कौन राह, दिखाएगा आजकल,…

Read more

अब तो जाग ससुर के नाती...

अब तो जाग ससुर के नाती।
 

निकला सूरज, रात है भागी।

अब तो जाग, ससुर के नाती।
 

पांच किलो गेहूं चावल की,

तुम मरते हो लाइन में।…

Read more

12 blog posts

आपकी राय

Hello, its good post concerning media print, we all be familiar
with media is a great source of data.

It is the best time to make a few plans for the future and it's time to be happy.
I have read this publish and if I may I wish to recommend you
few attention-grabbing things or tips. Maybe you could write next articles regarding this article.
I wish to read more issues approximately it!

Hey! This is kind of off topic but I need some help from an established blog.
Is it tough to set up your own blog? I'm not very techincal
but I can figure things out pretty quick. I'm thinking about making my own but I'm not sure where to begin. Do you have any tips or suggestions?
Thanks

denticore Considering that I began making use of DentiCore, my dental check-ups have been a lot better.
My teeth are stronger, and my gums are healthier.
The natural formula is mild yet effective.
DentiCore is now a staple in my everyday regimen.

फटाफट पेपर लीक हो रहे हैं और झटपट लोगों तक पहुंच जा रहे हैं खटाखट जनप्रति निधि माला माल हो रहे हैं निश्चित ही विश्व गुरू बनने से भारत को कोई माई का लाल रोक नहीं सकता।

Very nice 👍👍

Kya baat hai manoj Ji very nice mind blogging
Keep your moral always up

बहुत सुंदर है अभिव्यक्ति और कटाक्ष

अति सुंदर

व्यंग के माध्यम से बेहतरीन विश्लेषण!

Amazing article 👌👌

व्यंग का अभिप्राय बहुत ही मारक है। पढ़कर अनेक संदर्भ एक एक कर खुलने लगते हैं। बधाई जानी साहब....

450;460;69ba214dba0ee05d3bb3456eb511fab4d459f801450;460;427a1b1844a446301fe570378039629456569db9450;460;60c0dbc42c3bec9a638f951c8b795ffc0751cdee450;460;7bdba1a6e54914e7e1367fd58ca4511352dab279450;460;d0002352e5af17f6e01cfc5b63b0b085d8a9e723450;460;f702a57987d2703f36c19337ab5d4f85ef669a6c450;460;1b829655f614f3477e3f1b31d4a0a0aeda9b60a7450;460;0d7f35b92071fc21458352ab08d55de5746531f9450;460;7329d62233309fc3aa69876055d016685139605c450;460;9cbd98aa6de746078e88d5e1f5710e9869c4f0bc450;460;eca37ff7fb507eafa52fb286f59e7d6d6571f0d3450;460;fe332a72b1b6977a1e793512705a1d337811f0c7450;460;6b3b0d2a9b5fdc3dc08dcf3057128cb798e69dd9450;460;f8dbb37cec00a202ae0f7f571f35ee212e845e39450;460;cb4ea59cca920f73886f27e5f6175cf9099a8659450;460;946fecccc8f6992688f7ecf7f97ebcd21f308afc450;460;dc09453adaf94a231d63b53fb595663f60a40ea6

आईने के सामने (काव्य संग्रह) का विमोचन 2014

400;300;0fcac718c6f87a4300f9be0d65200aa3014f0598400;300;02765181d08ca099f0a189308d9dd3245847f57b400;300;7a24b22749de7da3bb9e595a1e17db4b356a99cc400;300;dde2b52176792910e721f57b8e591681b8dd101a400;300;321ade6d671a1748ed90a839b2c62a0d5ad08de6400;300;e1f4d813d5b5b2b122c6c08783ca4b8b4a49a1e4400;300;0db3fec3b149a152235839f92ef26bcfdbb196b5400;300;40d26eaafe9937571f047278318f3d3abc98cce2400;300;bbefc5f3241c3f4c0d7a468c054be9bcc459e09d400;300;6b9380849fddc342a3b6be1fc75c7ea87e70ea9f400;300;52a31b38c18fc9c4867f72e99680cda0d3c90ba1400;300;aa17d6c24a648a9e67eb529ec2d6ab271861495b400;300;611444ac8359695252891aff0a15880f30674cdc400;300;b6bcafa52974df5162d990b0e6640717e0790a1e400;300;b158a94d9e8f801bff569c4a7a1d3b3780508c31400;300;7b8b984761538dd807ae811b0c61e7c43c22a972400;300;08d655d00a587a537d54bb0a9e2098d214f26bec400;300;f4a4682e1e6fd79a0a4bdc32e1d04159aee78dc9400;300;2d1ad46358ec851ac5c13263d45334f2c76923c0400;300;f7d05233306fc9ec810110bfd384a56e64403d8f400;300;ba0700cddc4b8a14d184453c7732b73120a342c5400;300;3c1b21d93f57e01da4b4020cf0c75b0814dcbc6d400;300;f5c091ea51a300c0594499562b18105e6b737f54400;300;497979c34e6e587ab99385ca9cf6cc311a53cc6e400;300;e167fe8aece699e7f9bb586dc0d0cd5a2ab84bd9400;300;133bb24e79b4b81eeb95f92bf6503e9b68480b88400;300;9180d9868e8d7a988e597dcbea11eec0abb2732c400;300;a5615f32ff9790f710137288b2ecfa58bb81b24d400;300;24c4d8558cd94d03734545f87d500c512f329073400;300;dc90fda853774a1078bdf9b9cc5acb3002b00b19400;300;648f666101a94dd4057f6b9c2cc541ed97332522400;300;76eff75110dd63ce2d071018413764ac842f3c93

हमसे संपर्क करें

visitor

1043742

चिकोटी (ब्यंग्य संग्रह) का विमोचन 2012

400;300;6600ea27875c26a4e5a17b3943eefb92cabfdfc2400;300;acc334b58ce5ddbe27892e1ea5a56e2e1cf3fd7b400;300;639c67cfe256021f3b8ed1f1ce292980cd5c4dfb400;300;1c995df2006941885bfadf3498bb6672e5c16bbf400;300;f79fd0037dbf643e9418eb6109922fe322768647400;300;d94f122e139211ea9777f323929d9154ad48c8b1400;300;4020022abb2db86100d4eeadf90049249a81a2c0400;300;f9da0526e6526f55f6322b887a05734d74b18e66400;300;9af69a9bc5663ccf5665c289fc1f52ae6c1881f7400;300;e951b2db2cbcafdda64998d2d48d677073c32c28400;300;903118351f39b8f9b420f4e9efdba1cf211f99cf400;300;5c086d13c923ec8206b0950f70ab117fd631768d400;300;71dca355906561389c796eae4e8dd109c6c5df29400;300;b0db18a4f224095594a4d66be34aeaadfca9afb3400;300;dfec8cfba79fdc98dc30515e00493e623ab5ae6e400;300;31f9ea6b78bdf1642617fe95864526994533bbd2400;300;55289cdf9d7779f36c0e87492c4e0747c66f83f0400;300;d2e4b73d6d65367f0b0c76ca40b4bb7d2134c567

अन्यत्र

आदरणीय  कुशवाहा जी प्रणाम। कमेन्ट के लिए धन्यवाद ।
मनोज जी, अत्यंत सुंदर व्यंग्य रचना। शायद सत्ताधारियों के लिए भी जनता अब केवल हंसी-मजाक विषय रह गई है. जब चाहो उसका मजाक उड़ाओ और उसी के नाम पर खाओ&...
कुछ न कुछ तो कहना ही पड़ेगा , जानी साहब. कब तक बहरे बन कर बैठे रहेंगे. कब तक अपने जज्बातों को मरते हुए देखेंगे. आखिर कब तक. देश के हालात को व्यक्त क...
स्नेही जानी जी , सादर ,बहुत सुन्दर भाव से पूर्ण कविता ,आज की सच्चाई को निरुपित करती हुई . सफल प्रस्तुति हेतु बधाई .
तरस रहे हैं जो खुद, मय के एक कतरे को, एसे शाकी हमें, आखिर शराब क्या देंगे? श्री मनोज कुमार जी , नमस्कार ! क्या बात है ! आपने आदरणीय डॉ . बाली से...