Very well written
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मेरे बारे में
मनोज जानी
जन्म: 1976 में उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले की शाहगंज तहशील में स्थित भैंसौली गाँव में।
शिक्षा: बीई (विद्युत), एम टेक (कंट्रोल सिस्टम), एमबीए (फ़ाइनेंस)
लेखन: 1995 में सबसे पहले ‘तीसरी आँख’ पाक्षिक पत्रिका से विशेष संवाददाता के रूप में जुड़े। जिसमें ब्यंग्य का एक कालम ‘सलाम साब !’ सन 2000 तक लिखते रहे। इसी दौरान 1998 से ‘युवराज फीचर सर्विस’ व ‘उर्वशी फीचर सर्विस’ दिल्ली से जुड़े, जिसके द्वारा बहुत से ब्यंग्य और सामयिक लेख देश की बहुत सी पत्र पत्रिकाओं में छपते रहे हैं।
ब्यंग्य, सामयिक लेख और कहानियाँ “सरिता”, “सरस सलिल”, ‘पंजाब केसरी’ (जालंधर), ‘उत्तम हिन्दू’ (पंजाब), दैनिक ‘अरुण प्रभा’ (अलवर), ‘विकास बुलेटिन’ (कपूरथला), साप्ताहिक ‘सेकुलर भारत’ (दिल्ली), दैनिक उत्तर उजाला (नैनीताल), दैनिक हमारा महानगर (मुंबई), दैनिक समज्ञा (कोलकाता), ‘दिल्ली सहारा’, ‘कलम की जंग’ (दिल्ली), ‘आब्जर्बर’ (धनबाद), ‘सजग राष्ट्रीय समाचार’ (दिल्ली), ‘शहर की आवाज’ (मुंबई), साप्ताहिक ‘सलाम दिल्ली’, ‘वीर प्रताप’ (जालंधर), ‘जन प्रवाह’ (ग्वालियर), ‘जंगे भारत मेल’ (दिल्ली), ‘प्रात: कमल’ (मुजफ्फर पुर), ‘नई दुनिया’ (भोपाल), ‘हिन्द जनपद’ (सोलन), साप्ताहिक ‘भरत पुत्र’ (दिल्ली), ‘राष्ट्रीय विज्ञान टाइम्स’ (दिल्ली), साप्ताहिक ‘राष्ट्रीय नवोदय’ (दिल्ली), मासिक ‘रहस्य माया’ (लखनऊ), वणिक टाइम्स (नई दिल्ली), यंग इण्डिया (अहमदाबाद), दैनिक हिन्दी मिलाप (हैदराबाद), दैनिक यशोभूमि (मुंबई), मासिक सर्वदर्शी (सिलीगुड़ी) आदि में प्रकाशित होते रहते हैं।
प्रकाशित पुस्तकें:
(1) चिकोटी, (ब्यंग्य संग्रह), राधा/नमन प्रकाशन, दरियागंज, नई दिल्ली से 2013 में प्रकाशित।
(2) आईने के सामने, (काव्य संग्रह), राधा/नमन प्रकाशन, दरियागंज, नई दिल्ली से 2014 में प्रकाशित।
(3) ठिठोली, (ब्यंग्य संग्रह), राधा/नमन प्रकाशन, दरियागंज, नई दिल्ली से 2015 में प्रकाशित।
(4) गिद्ध का सूप (व्यंग्य संग्रह), HSRA प्रकाशन, बंगलौर से 2022 में प्रकाशित।
सम्मान / पुरस्कार :
‘चिकोटी’ ब्यंग्य संग्रह के लिए 2013 का ‘शरद जोशी सम्मान’ उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा।
संपर्क: e-mail: mkjohny@live.in;
website : www.manojjohny.com
आपकी राय
एकदम सटीक और relevant व्यंग, बढ़िया है भाई बढ़िया है,
आपकी लेखनी को salute भाई
Kya baat hai manoj ji aap ke vyang bahut he satik rehata hai bas aise he likhate rahiye
हम अपने देश की हालात क्या कहें साहब
आँखो में नींद और रजाई का साथ है फ़िर भी,
पढ़ने लगा तो पढ़ता बहुत देर तक रहा.
आप का लेख बहुत अच्छा है
Zakhm Abhi taaja hai.......
अति सुंदर।
अति सुन्दर
Very good
हमेशा की तरह उच्च कोटि की लेखनी....बहुत गहराई से, बहुत अर्थपूर्ण ढंग से व्यंग्य के साथ रचना की प्रस्तुति!
Bahut khoob bhai👏👏👏👌💐
Aur hamesha prasangik rahega…..very well written
हर समय यही व्यंग्य चुनाव पर सटीक बैठता है ❤️❤️❤️
असली नेता वही, जो जनता को पसंद वही बात कही , करे वही जिसमें खुद की भलाई , खुद खाये मलाई, जनता को दे आश्वासन की दुहाई
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