सब पुराने भरम मिटाने हैं
गीत अब कुछ नए सुनाने हैं
एक नए दौर की ये आहट है
अब नए रास्ते बनाने हैं
देखो कितनी बदल गई दुनिया
जख्म अभी वही पुराने हैं
तुम बढ़ो हम बढें सभी मिलकर
अब कदम से कदम मिलाने हैं
कौन रोकेगा कारवां को अब
दांव पर लग गए दीवाने हैं
आदमी आदमी से नफरत क्यों
सब बराबर हमें बनाने हैं
अपनी आदत सभी बदल लें अब
यह नए दौर के तराने हैं
देख कर जांच कर दवा देंगे
मर्ज जड़ से हमें मिटाने हैं
कुछ नया हम करें चलो मिलकर
अब नए दांव आजमाने हैं
दर्द की दास्तां कुछ ऐसी है
जो न सुन पाए वही सुनाने हैं
दूर अपना रहे न अब कोई
हमसे बिछड़े हैं जो मिलाने हैं
अपनी किस्मत खुद ही बनाएंगे
वो जो वादे थे सब निभाने है।
– तनवीर हसन