कभी बुजुर्ग कहते थे कि भगवान जब देता है छप्पड़ फाड़ के देता है। अब जाकर उसका मतलब समझ में आया है। भगवान गरीबों का छप्पड़ फाड़ता है, तब अमीरों को देता है। कभी आपने सुना है कि भगवान जब देता है फ्लैट फाड़ के या फार्महाउस फाड़ के देता है? नहीं ना ! क्योंकि सूखा हो या बाढ़, छप्पड़ तो गरीबों का ही फटता है। आ…
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Blog posts : "ब्यंग्य "
भरो रिटर्न, रहो प्रसन्न !!
क्या आप कमाते हैं? क्या आप मेहनत करके कमाते हैं? आप सरकारी नौकरी करते हैं,? अगर इनमें से किसी का भी उत्तर हाँ हो, तो आपका पहला फर्ज बनता है कि आप सरकार को टैक्स दें और रिटर्न भरें। अन्यथा केवल पैसा कमाने से ही आप प्रसन्न नहीं रह पायेंगे। अगर आप अपना फर्ज नहीं निभायेँगे, तो सरकार आप को छोड़ेगी नही…
सर्टिफिकेट की महिमा
पैसे के बिना धनवान, ताकत के बिना बलवान और सर्टिफिकेट के बिना इंसान की कोई कीमत नहीं होती। एक अदद सर्टिफिकेट ही तो है, जो इंसान को इंसान की पहचान दिलाता है। हिन्दू हो या मुसलमान, बिना सर्टिफिकेट के नहीं कोई पहचान। सर्टिफिकेट की माया अपरंपार है। आम आदमी तो आम आदमी, नेता, मंत्री या अफसर का काम भी,…
मईया मैं तो भारतरत्न ही लईहौं !!
नेतागीरी में पहचान की, फिल्मों में सलमान की, बेंचने के लिए दुकान की, सिर छुपाने के लिए मकान की, सीमा पर जवान की, जितनी जरूरत होती है, उतनीं ही जरूरत जिन्दगी में सम्मान की होती है। हर आदमी अन्दर ही अन्दर अपनी हैसियत के हिसाब से यही चाहता है कि उसे कोई ना कोई सम्मान अवश्य मिले। कुछ महान लोग होते …
आपकी राय
Very nice 👍👍
Jabardast
Kya baat hai manoj Ji very nice mind blogging
Keep your moral always up
बहुत सुंदर है अभिव्यक्ति और कटाक्ष
अति सुंदर
व्यंग के माध्यम से बेहतरीन विश्लेषण!
Amazing article 👌👌
व्यंग का अभिप्राय बहुत ही मारक है। पढ़कर अनेक संदर्भ एक एक कर खुलने लगते हैं। बधाई जानी साहब....
Excellent analogy of the current state of affairs
#सत्यात्मक व #सत्यसार दर्शन
एकदम कटु सत्य लिखा है सर।
अति उत्तम🙏🙏
शानदार एवं सटीक
Niraj
अति उत्तम जानी जी।
बहुत ही सुंदर रचना रची आपने।
अति उत्तम रचना।🙏🙏
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