नेतागीरी में पहचान की, फिल्मों में सलमान की, बेंचने के लिए दुकान की, सिर छुपाने के लिए मकान की, सीमा पर जवान की, जितनी जरूरत होती है, उतनीं ही जरूरत जिन्दगी में सम्मान की होती है। हर आदमी अन्दर ही अन्दर अपनी हैसियत के हिसाब से यही चाहता है कि उसे कोई ना कोई सम्मान अवश्य मिले। कुछ महान लोग होते हैं, वो भारतरत्न चाहते हैं। कुछ कम महान होते हैं, वो नोबेल पुरस्कार चाहते हैं। कुछ और कम महान होते हैं, वो दादा साहब फाल्के, पद्मश्री, या पद्म भूषण लेकर ही खुश हो जाते हैं।
अपुन कोई ऐरा गैरा इन्सान थोड़े ही है कि कोई भी छोटा मोटा सम्मान लेकर टरक लेगा। भाई है अपन इस इलाके का। अपुन को तो बस भारतरत्न चाहिए, वो भी इण्डिया वाला। और कोई देश देगा तो अपुन को मंजूर नहीं। क्योंकि अपुन खालिस देशभक्त हूँ। अपुन तो दारू भी प्योर स्वदेशी, मिलिट्री कैंटीन वाली ही जुगाड़ कर पीता हूँ। फिर भारतरत्न दूसरे देश का कैसे ले सकता हूँ। वैसे अपुन देश सेवा में इतना बिजी था कि ये पता करने का टाईम ही नहीं मिला कि और कौन कौन देश भारतरत्न देता है। लेकिन अपुन का जी.के. कहता है कि कम से कम चाइना तो जरूर भारतरत्न कि कापी करके देता होगा।
इधर मैंने सरकार से भारतरत्न कि मांग की, उधर पत्रकारों की फौज दौड़ पड़ी अड़ंगा लगाने। लगे अपुन से उल्टे सीधे सवाल दागने। एक बोला, ‘आप भारत रत्न अपने लिए क्यों मांग रहे हो?’ मैंने भी पलटकर कहा, ‘जब जवाहर लाल ने खुद प्रधानमंत्री रहते हुये भारतरत्न लिया, तब तो पूंछा नहीं कि दूसरे को क्यों नहीं देते भारतरत्न। अब पूंछ रहे हो कि मैं अपने लिए क्यों मांग रहा हूँ ?’
दूसरे ने सवाल दागा, पुरस्कार मांगने से मिलता है या काम से? मैंने उससे पूंछा, ‘फिर रात दिन तुम लोग टीवी पर सचिन के लिए गला फाड़ - फाड़ कर भारतरत्न क्यों मांगते रहते हो? आडवाणी, अटल के लिए, मायावती, कांशीराम के लिये, वामपंथी, ज्योतिबासु के लिये, बीजू जनता दल, बीजू पटनायक के लिये भारतरत्न क्यों मांगते रहते हैं? डेमॉक्रसि (लोकतन्त्र) में सबको अपनी बात रखने का हक है बीडू! फिर मैं क्यों ना माँगूँ?’
तीसरे ने तपाक से कहा, ‘सचिन देश के लिये खेलता है। इसलिए उसे भारतरत्न मिलना चाहिए’। अपुन बोला, ‘सचिन देश नहीं आईपीएल और पैसे के लिये खेलता है। 2011 का आईपीएल-4 खेलने के बाद वेस्टइंडीज दौरे के समय आराम कर के छुट्टियाँ बिता रहा था। जबकि बाकी टीम ने भी आईपीएल खेला था, लेकिन वो तो देश के खेलने गए। महाशतक के चक्कर में इतना धीमे खेला कि 2012 में इण्डिया, बांग्लादेश से भी हार गयी और एशियाकप से ही बाहर हो गयी’।
चौथे पत्रकार ने पूंछा, ‘आपने कौन सी देश सेवा किया है कि आपको भारतरत्न देना चाहिए ?’ अपुन ने पूंछा, ‘देश सेवा बोले तो ? ये क्या होएला ?’ उसने जबाब दिया- ‘देश सेवा मतलब देश के लोगों कि सेवा। पब्लिक की प्राब्लेम दूर करना। पब्लिक के लिये कुछ करना’। अपुन को समझ आ गया। अपुन ने कहा, ‘अपुन ने पब्लिक की प्राब्लेम साल्व करने की सुपारी ली है। अपुन हर प्राब्लेम, जड़ से ख़लास करता है। इसीलिए तो आजकल पब्लिक, पुलिस के नहीं मेरे पास आती है अपनी प्राब्लेम लेकर। अपुन ने हर कारोबार देश के लोगों के लिये ही किया है, चाहे वह तस्करी हो, गाँजा, चरस या अफ़ीम की। या फिर मर्डर या किडनैपिंग हो। सब अपने देश में ही किया है। बहुत सेवा की है देश की। एसे ही थोड़े पब्लिक मुझे भाई कहती है।
एक पत्रकार ने तुनकते हुये कहा- लेकिन संविधान में तो भाईगीरी के लिये भारतरत्न का प्रावधान है नहीं। फिर आपको भारतरत्न कैसे मिलेगा? अपुन भी कहाँ हार मानने वाला था। उल्टा उससे ही पूंछा। ‘तो खेल के लिये भी कौन सा संविधान में प्रावधान था? जब खेल के लिये भारतरत्न देने के वास्ते कानून बदल गया, तो भाईगीरी के लिये कानून क्यों नहीं बदल सकता है? कुछ भी हो जाये अपुन तो भारतरत्न लेकर ही रहेगा।
पांचवे पत्रकार ने कहा, ‘अगर मांगने पर आपको भारतरत्न नहीं मिला तो क्या करेंगे ?’ अपुन ने उसे झाड़ दिया। ‘माँगना अपुन का राइट (हक) है। कोई भारतरत्न मांगता है, कोई लोकपाल मांगता है। कोई गैस पीड़ितों को इंसाफ मांगता है। कोई दंगों का जबाब मांगता है। मांगने से अगर सचिन, अटल, कांशीराम या ज्योंतिबासु को भारतरत्न मिलेगा, तो अपुन को भी मिल जाएगा। नहीं तो सभी मांगने वालों ने जिस तरह राजनीति की है, अपुन भी कर लेगा?’
चौंकते हुये छठे पत्रकार ने सवाल दागा, ‘तो आप पालिटिक्स (राजनीति) में जा रहे हैं ?’ अपुन ने समझाया- बीडू, पालिटिक्स करना देश सेवा है ना? वैसे भी बिना पालिटिक्स के आजकल कौन सा अवार्ड मिलता है। साहित्य और सिनेमा के अवार्ड तक के लिये तो पालिटिक्स करना ही पड़ता है, फिर इतने बड़े अवार्ड के लिये तो पालिटिक्स करनी ही पड़ेगी। अब अपुन देश सेवा करेगा, पालिटिक्स करेगा। और भारतरत्न जरूर लेगा। भईया मैं तो भारतरत्न ही लइहौं। सभी पत्रकार एक साथ चिल्लाते हुये अपने अपने स्टुडियो की ओर भागे। ‘ब्रेकिंग न्यूज। भाई पालिटिक्स ज्वाइन कर रहे हैं’। ब्रेकिंग न्यूज देखते ही सभी पार्टियों के आलाकमान अपन को अपनी पार्टी में लेने के लिये मेरे पास भागे भागे आए हैं। सभी अपन को भारतरत्न दिलाने का भरोसा दे रहे हैं। अब तो अपुन भारतरत्न जरूर हड़पेगा।