थरथर कांपे पाक अब, चीन और नेपाल ।
गर्व करो, नारे गढ़ो, आया देख रफाल ।।
रोजगार भी छिन रहा, क्राइम से बेहाल।
शिक्षा मिले न स्वास्थ्य ही, छोड़ो रोटी दाल।
गर्व करो, नारे गढ़ो… आया देख रफाल।
कैग और सीबीआई अब, करती नहीं बवाल।
भ्रष्टाचार की बात का, करना नहीं मलाल ।।
गर्व करो, नारे गढ़ो… आया देख रफाल।
जनता से अब दूर है, न्यायालय बदहाल।
बेगारी महंगाई से, मत हो भक्त बेहाल।
गर्व करो, नारे गढ़ो… आया देख रफाल।
जो सवाल करते कहीं, वो ग़द्दार, दलाल।
जो भी दिखाएं, देखिये, पूंछो नहीं सवाल।
गर्व करो, नारे गढ़ो… आया देख रफाल।
गर्व करो, नारे गढ़ो… आया देख रफाल।