शिक्षा देने की खातिर भी,
जिसने लड़ी लड़ाई
शिक्षा की देवी, पहली,
शिक्षक, सावित्री माई
भेदभाव और शोषण की,
जब लटकी थी तलवारें।
महिलाओं की शिक्षा को,
तब भी आप विचारे।
ऐसे कठिन दौर में भी,
ज्ञान की अलख जगाई।
शिक्षा की देवी, पहली,
शिक्षक, सावित्री माई।
बदला खूब समाज आपने,
साथ फ़ातिमा शेख के।
हार नहीं फिर भी मानी,
हिंसा नफ़रत देख के।
थी महिला विरोध में जो,
परम्परा-धर्म की खाई
देते रहे पुरातनपंथी,
जिसकी सदा दुहाई
भेदभाव आडंबर पर,
शिक्षा ने जीत दिलाई।
शिक्षा की देवी, पहली,
शिक्षक, सावित्री माई।
महिला शोषण मुक्त आज,
हर अधिकार समान है।
शिक्षा-समानता में सावित्री,
माई का एहसान है।
ज़ोर-जुल्म से लड़ने में,
शिक्षा की राह दिखाई।
शिक्षा की देवी, पहली,
शिक्षक, सावित्री माई।