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मनोज जानी

बोलो वही, जो हो सही ! दिल की बात, ना रहे अनकही !!

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(व्यंग्य) मुबारक नया साल। पुराने का नहीं मलाल।

आप सभी को नया साल 2017 बहुत बहुत मुबारक हो। आखिर आपने साल भर कड़ी मेहनत मशक्कत से देश को भ्रष्टाचार के ऊपरी पायदानों पर रोके रखा। इतने सारे उतार चढ़ावों के बावजूद किसी भी तरह के भ्रष्टाचार में कोई कमी नहीं आने दिया। कालाधन - कालाधन करने वालों का मुँह काला कर दिया। हम  सभी ने इसके लिए जान लगा दिया। अब हम लोग भी क्या करें, हम लोगों को नंबर वन का चस्का जो लग गया है। चाहे भ्रष्टाचार हो या कुपोषण, बेरोजगारी, महँगाई और साथ साथ लफ्फाजी, सब में नम्बर वन। हम कभी नम्बर दो के लिए बने ही नहीं। चाहे ऊपर से हो या नीचे से, रहेंगे नम्बर वन ही।

दुनिया के नम्बर वन अमीरों में हमारे देश के अमीर, दुनिया के नम्बर वन गरीबों-भुंखों में भी हम नम्बर वन। सबसे ज्यादा जनता को लूटने में नम्बर वन। सबसे ज्यादा जनता को फ्री, टीवी, लैपटाप, गेंहू, चावल बाँटने में भी नम्बर वन। जियो हमारे देश के लोगों, जिन्होने फ्री जियो की नम्बर वन लाइन लगाई। फ्री के अलावा अपनी कमाई को वापस पाने के लिए भी महीनों बैंक एटीएम के सामने दुनिया की नम्बर वन लाइन लगाने में भी नम्बर वन। हमारे बहुत से प्रदेश, चुनाव के पूरे साल अपने को नम्बर वन का तमगा देते रहते हैं, ये अलग बात है कि चार साल भ्रष्टाचार, चोरी, डकैती, हत्या –बलात्कार में नम्बर वन रहने के बाद पाँचवे साल में अचानक विकास में नम्बर वन बन जाते हैं, सरकारी आँकड़ो में।

सरकारी आँकड़े भी गज़ब के तिलिस्म होते हैं। पब्लिक महँगाई से मरती रहती है, और सरकारी आँकड़ो में दशमलव फलां प्रतिशत महँगाई घटती रहती है। हत्या बलात्कार बढ़ते रहते हैं और सरकारी आँकड़ों में दशमलव फलां प्रतिशत क्राइम घटता रहता है। लोगों की नौकरियां जाती रहती हैं और सरकारी आँकड़ों में रोजगार दशमलव फलां प्रतिशत बढ़ता रहता है। ये दशमल भी साला कमाल की चीज है। अब समझ में आया कि दशमलव का आविष्कार भारतीयों ने क्यों किया था। जरूर सरकारी दबाव में हमारे गणितज्ञों ने दशमलव जैसे चमत्कारी चीज का आविष्कार किया होगा।

वैसे आविष्कार में हम भारतीयों का कोई मुक़ाबला नहीं है। हम वास्तव में आविष्कार में विश्व गुरु थे और नए साल 2017 में भी अवश्य ही बने रहेंगे। हरी चटनी से कृपा बरसाने और समोसे से भाग्य बदलने का आविष्कार हमारे पूज्यनीयों ने ही किया है। पुत्र रत्न के लिए ‘आशीर्वाद’ देकर जेल जाने का आविष्कार भी हमी लोगों ने किया है। अंगूठी के रिमोट से सारे ग्रहों –उपग्रहों को कंट्रोल करने का आविष्कार हमी लोगों ने किया है, जो कि नववर्ष में और फलने फूलने वाला है, जिसकी अग्रिम बधाई।

बधाई हो हमारे देश वासियों को 2017 में कालेधन से, आतंकवाद, नकली नोटों से मुक्ति की। बधाई तो 2016 में अपने असली नोटों से मुक्ति मिलने की भी। कुछ देशवासियों को लाइन में लगकर जीवन से मुक्ति मिलने की भी बधाई। लाइन में लगकर, कम से कम साल के अंतिम दो महीनों में तो सबको रोजगार पाने के लिए बधाई। पुराने साल में जिन्हे नए नोट मिले, उन्हें बधाई। जिन्हें नहीं मिले, नए साल में नए नोट मिलने की अग्रिम बधाई। सरकार को भी बधाई, जिसने जनता को कैशलेस करके नया कीर्तिमान बनाया। बड़े बड़े उद्योगपतियों को बधाई, जिनके ऋण, बैंको ने माफ़ कर दिया। बधाई उन जनधन खाताधारकों को, जिन्होने अपने खातों द्वारा कालेधन को साफ कर दिया।

बधाई पेटीएम को, अमेज़न को, अलीबाबा, ईजी डे और बड़े बड़े माल वालों को, कैशलेस के नाम पर जनता को लेसकैश करने के लिए। बधाई उन खोमचे-पटरी वालों को भी, जिन्हें अपनी दुकानदारी से मुक्ति मिली और अब नए साल को एंजॉय करने के लिए उनके पास समय ही समय है। नया साल मुबारक उन मजदूरों को, जिनका काम छूट गया और अब वो कैशलेस होकर सरकार के कैशलेस अभियान के ब्राण्ड अंबेसडर बनकर, नया साल एंजॉय कर रहे हैं। जनता को भी बधाई जिन्होने लाइन में खड़े होकर अपनी देशभक्ति सिद्ध की। हमारे भाग्यविधाताओं को भी बधाई, जो अपने विरोधियों को देशद्रोही सिद्ध कर सके। जनता को सपने दिखाने के लिए बधाई और जनता को सपने देखने के लिए बधाई। सभी को नए साल की बधाई। 

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Comment

आपकी राय

Very nice 👍👍

Kya baat hai manoj Ji very nice mind blogging
Keep your moral always up

बहुत सुंदर है अभिव्यक्ति और कटाक्ष

अति सुंदर

व्यंग के माध्यम से बेहतरीन विश्लेषण!

Amazing article 👌👌

व्यंग का अभिप्राय बहुत ही मारक है। पढ़कर अनेक संदर्भ एक एक कर खुलने लगते हैं। बधाई जानी साहब....

Excellent analogy of the current state of affairs

#सत्यात्मक व #सत्यसार दर्शन

एकदम कटु सत्य लिखा है सर।

अति उत्तम🙏🙏

शानदार एवं सटीक

Niraj

अति उत्तम जानी जी।
बहुत ही सुंदर रचना रची आपने।

अति उत्तम रचना।🙏🙏

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आईने के सामने (काव्य संग्रह) का विमोचन 2014

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चिकोटी (ब्यंग्य संग्रह) का विमोचन 2012

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