Menu

मनोज जानी

बोलो वही, जो हो सही ! दिल की बात, ना रहे अनकही !!

header photo

बढ़िया है..

बढ़िया है...बढ़िया है...
तेरे नेता देश लूटते, देश भक्त बस मेरे नेता,
सबके अपने चश्मे हैं, सबका अलग नजरिया है। 
बढ़िया है...

 

बन्दर की सब उछल-कूद पर, एश मदारी काट रहे,
नेता आज मदारी हैं, जनता हुई बंदरिया है,,
बढ़िया है...

 

देश साफ कर भरें तिजोरी, 'जानी' अपनी कूबत भर,
सबकी अपनी गंगा हैं, सबकी अपनी दरिया है...
बढ़िया है... ... बढ़िया है...

Go Back

Comment

आपकी राय

Very nice 👍👍

Kya baat hai manoj Ji very nice mind blogging
Keep your moral always up

बहुत सुंदर है अभिव्यक्ति और कटाक्ष

अति सुंदर

व्यंग के माध्यम से बेहतरीन विश्लेषण!

Amazing article 👌👌

व्यंग का अभिप्राय बहुत ही मारक है। पढ़कर अनेक संदर्भ एक एक कर खुलने लगते हैं। बधाई जानी साहब....

Excellent analogy of the current state of affairs

#सत्यात्मक व #सत्यसार दर्शन

एकदम कटु सत्य लिखा है सर।

अति उत्तम🙏🙏

शानदार एवं सटीक

Niraj

अति उत्तम जानी जी।
बहुत ही सुंदर रचना रची आपने।

अति उत्तम रचना।🙏🙏

450;460;427a1b1844a446301fe570378039629456569db9450;460;6b3b0d2a9b5fdc3dc08dcf3057128cb798e69dd9450;460;946fecccc8f6992688f7ecf7f97ebcd21f308afc450;460;7bdba1a6e54914e7e1367fd58ca4511352dab279450;460;0d7f35b92071fc21458352ab08d55de5746531f9450;460;f702a57987d2703f36c19337ab5d4f85ef669a6c450;460;fe332a72b1b6977a1e793512705a1d337811f0c7450;460;eca37ff7fb507eafa52fb286f59e7d6d6571f0d3450;460;d0002352e5af17f6e01cfc5b63b0b085d8a9e723450;460;60c0dbc42c3bec9a638f951c8b795ffc0751cdee450;460;9cbd98aa6de746078e88d5e1f5710e9869c4f0bc450;460;69ba214dba0ee05d3bb3456eb511fab4d459f801450;460;cb4ea59cca920f73886f27e5f6175cf9099a8659450;460;7329d62233309fc3aa69876055d016685139605c450;460;f8dbb37cec00a202ae0f7f571f35ee212e845e39450;460;1b829655f614f3477e3f1b31d4a0a0aeda9b60a7450;460;dc09453adaf94a231d63b53fb595663f60a40ea6

आईने के सामने (काव्य संग्रह) का विमोचन 2014

400;300;08d655d00a587a537d54bb0a9e2098d214f26bec400;300;76eff75110dd63ce2d071018413764ac842f3c93400;300;f4a4682e1e6fd79a0a4bdc32e1d04159aee78dc9400;300;3c1b21d93f57e01da4b4020cf0c75b0814dcbc6d400;300;321ade6d671a1748ed90a839b2c62a0d5ad08de6400;300;2d1ad46358ec851ac5c13263d45334f2c76923c0400;300;0db3fec3b149a152235839f92ef26bcfdbb196b5400;300;52a31b38c18fc9c4867f72e99680cda0d3c90ba1400;300;7a24b22749de7da3bb9e595a1e17db4b356a99cc400;300;aa17d6c24a648a9e67eb529ec2d6ab271861495b400;300;f5c091ea51a300c0594499562b18105e6b737f54400;300;9180d9868e8d7a988e597dcbea11eec0abb2732c400;300;e167fe8aece699e7f9bb586dc0d0cd5a2ab84bd9400;300;648f666101a94dd4057f6b9c2cc541ed97332522400;300;02765181d08ca099f0a189308d9dd3245847f57b400;300;b6bcafa52974df5162d990b0e6640717e0790a1e400;300;bbefc5f3241c3f4c0d7a468c054be9bcc459e09d400;300;dc90fda853774a1078bdf9b9cc5acb3002b00b19400;300;e1f4d813d5b5b2b122c6c08783ca4b8b4a49a1e4400;300;ba0700cddc4b8a14d184453c7732b73120a342c5400;300;611444ac8359695252891aff0a15880f30674cdc400;300;a5615f32ff9790f710137288b2ecfa58bb81b24d400;300;dde2b52176792910e721f57b8e591681b8dd101a400;300;0fcac718c6f87a4300f9be0d65200aa3014f0598400;300;24c4d8558cd94d03734545f87d500c512f329073400;300;b158a94d9e8f801bff569c4a7a1d3b3780508c31400;300;f7d05233306fc9ec810110bfd384a56e64403d8f400;300;7b8b984761538dd807ae811b0c61e7c43c22a972400;300;133bb24e79b4b81eeb95f92bf6503e9b68480b88400;300;6b9380849fddc342a3b6be1fc75c7ea87e70ea9f400;300;497979c34e6e587ab99385ca9cf6cc311a53cc6e400;300;40d26eaafe9937571f047278318f3d3abc98cce2

हमसे संपर्क करें

visitor

900422

चिकोटी (ब्यंग्य संग्रह) का विमोचन 2012

400;300;6600ea27875c26a4e5a17b3943eefb92cabfdfc2400;300;acc334b58ce5ddbe27892e1ea5a56e2e1cf3fd7b400;300;639c67cfe256021f3b8ed1f1ce292980cd5c4dfb400;300;1c995df2006941885bfadf3498bb6672e5c16bbf400;300;f79fd0037dbf643e9418eb6109922fe322768647400;300;d94f122e139211ea9777f323929d9154ad48c8b1400;300;4020022abb2db86100d4eeadf90049249a81a2c0400;300;f9da0526e6526f55f6322b887a05734d74b18e66400;300;9af69a9bc5663ccf5665c289fc1f52ae6c1881f7400;300;e951b2db2cbcafdda64998d2d48d677073c32c28400;300;903118351f39b8f9b420f4e9efdba1cf211f99cf400;300;5c086d13c923ec8206b0950f70ab117fd631768d400;300;71dca355906561389c796eae4e8dd109c6c5df29400;300;b0db18a4f224095594a4d66be34aeaadfca9afb3400;300;dfec8cfba79fdc98dc30515e00493e623ab5ae6e400;300;31f9ea6b78bdf1642617fe95864526994533bbd2400;300;55289cdf9d7779f36c0e87492c4e0747c66f83f0400;300;d2e4b73d6d65367f0b0c76ca40b4bb7d2134c567

अन्यत्र

आदरणीय  कुशवाहा जी प्रणाम। कमेन्ट के लिए धन्यवाद ।
मनोज जी, अत्यंत सुंदर व्यंग्य रचना। शायद सत्ताधारियों के लिए भी जनता अब केवल हंसी-मजाक विषय रह गई है. जब चाहो उसका मजाक उड़ाओ और उसी के नाम पर खाओ&...
कुछ न कुछ तो कहना ही पड़ेगा , जानी साहब. कब तक बहरे बन कर बैठे रहेंगे. कब तक अपने जज्बातों को मरते हुए देखेंगे. आखिर कब तक. देश के हालात को व्यक्त क...
स्नेही जानी जी , सादर ,बहुत सुन्दर भाव से पूर्ण कविता ,आज की सच्चाई को निरुपित करती हुई . सफल प्रस्तुति हेतु बधाई .
तरस रहे हैं जो खुद, मय के एक कतरे को, एसे शाकी हमें, आखिर शराब क्या देंगे? श्री मनोज कुमार जी , नमस्कार ! क्या बात है ! आपने आदरणीय डॉ . बाली से...