उस दिन से जिंदगी, बहुत आसान हो गयी।
जिस दिन हमारी आप से, पहचान हो गयी।
अब तक ना थी ख़्वाहिश कोई, मंजिल ना इरादा,
अब दिल की सारी हसरतें, जवान हो गयी ।
ख्वाबों को लगे पंख, टूटी हसरतों की बंदिश,
सूने से दिल कि जब वो, मेहमान हो गयी ।
आसां नहीं है दिल का हाल, उनको बताना,
सब जान कर भी जब वो, नादान हो गयी ।
पहली नजर में जिसको, दिलो-जान दे दिये,
‘जानी’ वही हमारी, अब जान हो गयी ।