Menu

मनोज जानी

बोलो वही, जो हो सही ! दिल की बात, ना रहे अनकही !!

header photo

कैसे हम गणतन्त्र मनायें?????

कैसे हम गणतन्त्र मनायें? कैसे हम गणतन्त्र मनायें?

संविधान की, लाज नहीं है
गांधी,नेहरू, आज नहीं हैं
जनता का भी, राज नहीं है
जागृत अभी,समाज नहीं है

हम दुख करें, या खुशी मनायें? कैसे हम गणतन्त्र मनायें?

मिटी है समता - भाईचारा
मुस्लिम दलित, गाय पे मारा
न्याय को तरसे, शोषित सारा
संविधान  भी,  बना बेचारा।

मानुष मारें, गाय बचाएँ, कैसे हम गणतंत्र मनाएँ।

ना दबंग, कानून से डरता।
जो गरीब, कानून से मरता।
संस्थाओं का, बना है भरता।
जो सच कहे, वही है डरता।

होकरके बेखौफ अगर, संविधान को आग दिखाएँ,  कैसे हम ....

कैसे हैं? हम लोग महान !
मजहब पर, लेते हैं जान !
दहशत-गर्दी का, तूफान !
सहमा-सहमा, हर इंसान !

करें परेड या जान बचाएं? कैसे हम गणतन्त्र मनायें?

आए दिन, होता घोटाला
हर नेता का, मुंह क्यों काला
कभी तहलका, कभी हवाला
रोता है बस, मेहनत वाला

सभी कमाएँ, कुछ जन खाएं। कैसे हम गणतन्त्र मनायें?

सीमा से, विस्थापित लोग
अतिशय कष्ट, रहे हैं भोग
भूंख,प्यास से, करते जोग
दिल्ली से, हम भरते जोश

कुछ तो घूमें एसी में, कुछ ठंडी में हाँड़ कपायें। कैसे हम गणतन्त्र मनायें?

शर्म, कुपोषण पर है आज
महंगाई से, त्रस्त समाज
तोड़-फोड़ कर, देश-समाज
राजनीति, बस करती राज

सत्तर साल से, सहते जाएं। कैसे हम गणतन्त्र मनायें?

चाहे जितने हों, घोटाले
जांचे केवल, पर्दा डाले
देश के हैं, एसे रखवाले
    जितना चाहे,माल दबा ले   

सीएजी कितना चिल्लाये? कैसे हम गणतन्त्र मनायें?

नारी नहीं, सुरक्षित आज
बना दरिन्दा, सभ्य समाज
महिला की, बचती नहीं लाज
कायम नहीं, कानून का राज

पूजा करें देवियों की या, कन्याओं का भ्रूण बचाएं?  कैसे हम.... 

क्या हम कहें, सुनें क्या‘जानी’
सबको नहीं है, रोटी- पानी
मर गया सबकी,आँख का पानी
हर सरकार की, यही कहानी

क्या चुप रहें, और क्या बताएं?  कैसे हम गणतन्त्र मनायें?

Go Back

Comment

आपकी राय

बहुत ही सुंदर और सटीक व्यंग है

Very nice Explained by you the real Scenario of our Nation in such beautiful peom by Sh.Manoj Jani Sir. Hat's off to you.

एकदम सटीक और relevant व्यंग, बढ़िया है भाई बढ़िया है,
आपकी लेखनी को salute भाई

Kya baat hai manoj ji aap ke vyang bahut he satik rehata hai bas aise he likhate rahiye

हम अपने देश की हालात क्या कहें साहब

आँखो में नींद और रजाई का साथ है फ़िर भी,
पढ़ने लगा तो पढ़ता बहुत देर तक रहा.

आप का लेख बहुत अच्छा है

Zakhm Abhi taaja hai.......

अति सुंदर।

अति सुन्दर

Very good

450;460;9cbd98aa6de746078e88d5e1f5710e9869c4f0bc450;460;0d7f35b92071fc21458352ab08d55de5746531f9450;460;dc09453adaf94a231d63b53fb595663f60a40ea6450;460;7bdba1a6e54914e7e1367fd58ca4511352dab279450;460;d0002352e5af17f6e01cfc5b63b0b085d8a9e723450;460;eca37ff7fb507eafa52fb286f59e7d6d6571f0d3450;460;1b829655f614f3477e3f1b31d4a0a0aeda9b60a7450;460;946fecccc8f6992688f7ecf7f97ebcd21f308afc450;460;f702a57987d2703f36c19337ab5d4f85ef669a6c450;460;cb4ea59cca920f73886f27e5f6175cf9099a8659450;460;f8dbb37cec00a202ae0f7f571f35ee212e845e39450;460;427a1b1844a446301fe570378039629456569db9450;460;fe332a72b1b6977a1e793512705a1d337811f0c7450;460;60c0dbc42c3bec9a638f951c8b795ffc0751cdee450;460;69ba214dba0ee05d3bb3456eb511fab4d459f801450;460;7329d62233309fc3aa69876055d016685139605c450;460;6b3b0d2a9b5fdc3dc08dcf3057128cb798e69dd9

आईने के सामने (काव्य संग्रह) का विमोचन 2014

400;300;e1f4d813d5b5b2b122c6c08783ca4b8b4a49a1e4400;300;f5c091ea51a300c0594499562b18105e6b737f54400;300;f4a4682e1e6fd79a0a4bdc32e1d04159aee78dc9400;300;321ade6d671a1748ed90a839b2c62a0d5ad08de6400;300;497979c34e6e587ab99385ca9cf6cc311a53cc6e400;300;a5615f32ff9790f710137288b2ecfa58bb81b24d400;300;0fcac718c6f87a4300f9be0d65200aa3014f0598400;300;52a31b38c18fc9c4867f72e99680cda0d3c90ba1400;300;3c1b21d93f57e01da4b4020cf0c75b0814dcbc6d400;300;dde2b52176792910e721f57b8e591681b8dd101a400;300;7a24b22749de7da3bb9e595a1e17db4b356a99cc400;300;02765181d08ca099f0a189308d9dd3245847f57b400;300;b6bcafa52974df5162d990b0e6640717e0790a1e400;300;7b8b984761538dd807ae811b0c61e7c43c22a972400;300;76eff75110dd63ce2d071018413764ac842f3c93400;300;611444ac8359695252891aff0a15880f30674cdc400;300;133bb24e79b4b81eeb95f92bf6503e9b68480b88400;300;aa17d6c24a648a9e67eb529ec2d6ab271861495b400;300;0db3fec3b149a152235839f92ef26bcfdbb196b5400;300;6b9380849fddc342a3b6be1fc75c7ea87e70ea9f400;300;f7d05233306fc9ec810110bfd384a56e64403d8f400;300;b158a94d9e8f801bff569c4a7a1d3b3780508c31400;300;e167fe8aece699e7f9bb586dc0d0cd5a2ab84bd9400;300;24c4d8558cd94d03734545f87d500c512f329073400;300;648f666101a94dd4057f6b9c2cc541ed97332522400;300;2d1ad46358ec851ac5c13263d45334f2c76923c0400;300;dc90fda853774a1078bdf9b9cc5acb3002b00b19400;300;40d26eaafe9937571f047278318f3d3abc98cce2400;300;bbefc5f3241c3f4c0d7a468c054be9bcc459e09d400;300;9180d9868e8d7a988e597dcbea11eec0abb2732c400;300;08d655d00a587a537d54bb0a9e2098d214f26bec400;300;ba0700cddc4b8a14d184453c7732b73120a342c5

हमसे संपर्क करें

visitor

801172

चिकोटी (ब्यंग्य संग्रह) का विमोचन 2012

400;300;6600ea27875c26a4e5a17b3943eefb92cabfdfc2400;300;acc334b58ce5ddbe27892e1ea5a56e2e1cf3fd7b400;300;639c67cfe256021f3b8ed1f1ce292980cd5c4dfb400;300;1c995df2006941885bfadf3498bb6672e5c16bbf400;300;f79fd0037dbf643e9418eb6109922fe322768647400;300;d94f122e139211ea9777f323929d9154ad48c8b1400;300;4020022abb2db86100d4eeadf90049249a81a2c0400;300;f9da0526e6526f55f6322b887a05734d74b18e66400;300;9af69a9bc5663ccf5665c289fc1f52ae6c1881f7400;300;e951b2db2cbcafdda64998d2d48d677073c32c28400;300;903118351f39b8f9b420f4e9efdba1cf211f99cf400;300;5c086d13c923ec8206b0950f70ab117fd631768d400;300;71dca355906561389c796eae4e8dd109c6c5df29400;300;b0db18a4f224095594a4d66be34aeaadfca9afb3400;300;dfec8cfba79fdc98dc30515e00493e623ab5ae6e400;300;31f9ea6b78bdf1642617fe95864526994533bbd2400;300;55289cdf9d7779f36c0e87492c4e0747c66f83f0400;300;d2e4b73d6d65367f0b0c76ca40b4bb7d2134c567

अन्यत्र

आदरणीय  कुशवाहा जी प्रणाम। कमेन्ट के लिए धन्यवाद ।
मनोज जी, अत्यंत सुंदर व्यंग्य रचना। शायद सत्ताधारियों के लिए भी जनता अब केवल हंसी-मजाक विषय रह गई है. जब चाहो उसका मजाक उड़ाओ और उसी के नाम पर खाओ&...
कुछ न कुछ तो कहना ही पड़ेगा , जानी साहब. कब तक बहरे बन कर बैठे रहेंगे. कब तक अपने जज्बातों को मरते हुए देखेंगे. आखिर कब तक. देश के हालात को व्यक्त क...
स्नेही जानी जी , सादर ,बहुत सुन्दर भाव से पूर्ण कविता ,आज की सच्चाई को निरुपित करती हुई . सफल प्रस्तुति हेतु बधाई .
तरस रहे हैं जो खुद, मय के एक कतरे को, एसे शाकी हमें, आखिर शराब क्या देंगे? श्री मनोज कुमार जी , नमस्कार ! क्या बात है ! आपने आदरणीय डॉ . बाली से...