जिसने सृष्टि बसाई, लोग उनको बसाने लगे
कुछ लोग मिलकर, राम मंदिर बनाने लगे
अब फिर से राम जी, याद आने लगे
दौड़ दौड़ के पानी में, मीटिंग बुलाने लगे
देखो जरा कहीं, चुनाव तो नहीं आया है
जिसके पीछे, पानी पर दरबार सजाया है
नेता जी पानी में फिर, आग लगाने लगे
कुछ लोग मिलकर, राम मंदिर बनाने लगे
अब बनवास, कट जायेगा मेरे राम का
बन जायेगा महल, भगवान के नाम का
जोर शोर से अब, ए खबर फैलाने लगे
कुछ लोग मिलकर, राम मंदिर बनाने लगे
कब तक ऐसे, जात धरम में खुद को बाटेंगे
जो बोयेंगे माटी में, वही अजल तक काटेंगे
वे अब आफ़ताब को भी, दीपक दिखाने लगे
कुछ लोग मिलकर, राम मंदिर बनाने लगे
गुरबत में, अमीरी के सपने, सुहाने लगे
कुछ आलिम जोर जोर से, चिल्लाने लगे
जिसने सृष्टि बसाई, लोग उनको बसाने लगे
कुछ लोग मिलकर, राम मंदिर बनाने लगे
- संजय भारती