सरकार इधर बहुतई परेशान है। कारण है ई मुई कैग और सीबीआई। इनसे बचे तो, पब्लिक का पी आई एल । उसके बाद कोर्ट का डंडा। कोई सरकार को चैन से बैठने नहीं देता। एसे मेँ सरकार देश का विकास कैसे करे? देश विकास कर रहा है तो कुछ अज्ञानी चिल्ला रहे हैं कि घोटाला हो रहा है। अरे भाई ये भी तो देखो, पहले देश कितना गरीब था, लाख दो लाख के घोटाले पर मंत्री पद छोड़ना पड़ता था। अब लाख करोड़ मेँ घोटाला होता है,बिना किसी को पद छोड़े,क्या ये विकास नहीं है?
लेकिन पब्लिक इतनी स्वार्थी है कि खुद तो केवल नाम लिखाकर, रोजगार गारंटी योजना मेँ, आधा प्रधान और सेक्रेटरी को देकर आधा बिना काम किए ले रही है। बिना काम-धाम किए सरकार पब्लिक को भरपेट भोजन की गारंटी दे रही है। लेकिन सरकार को काम कर के भी कुछ नहीं लेने देती। पब्लिक के घोटाले कि गारंटी,और सरकार करे तो गिल्टी। यह तो सरासर अन्याय है सरकार पर।
अब सरकार पहले देश के विकास कि योजनाएँ बनाए। योजनाओं की मोटी मोटी फाइलें बनाए। उनपर अमल करके करोड़ों कमाए। (सरकार और सरकारी लोग, दोनों कमाएं) और जब देश का (साथ मेँ अपना भी) विकास हो जाए तो पब्लिक चिल्लाती है फाइल गायब है, फाइल गायब है। अरे भाई आपको विकास चाहिए या फाइल। लाखों फाइलें बाबुओं की मेज पर सालों से धूल फांक रही हैं, उन्हे कोई नहीं पूंछता। सबको बस कोयले की फाइलें चाहिए। अब कोयले की कालिख मेँ फाइलें नहीं दिख रहीं होंगी। लेकिन नहीं। सबको तो बस वही फाइलें चाहिए।
इसलिए मैं सोचता हूँ की सरकार को एक घोटाला गारंटी बिल भी इसी सत्र मेँ लाना चाहिए। जब पब्लिक के खाने की, बिना काम कमाने की गारंटी है, सरकार की भला क्यों नहीं? हाँ तो मेरा प्रोपोजल ये है कि सरकार को एक राष्ट्रीय घोटाला गारंटी कानून लाना चाहिए, जिसके दायरे मेँ सभी छोटे बड़े नेता आयें। हर नेता को उसके वोटबैंक के अनुपात मेँ घोटाला करने की छूट हो।
यानी जो सांसद हैं, उनका एरिया अधिक होता है, उन्हें अपने अपने परिवार के प्रति सदस्य 10 करोड़ रुपये प्रतिमाह के हिसाब से घोटाला करने की गारंटी हो। जो विधायक हैं, उन्हें अपने परिवार के प्रति सदस्य 5 करोड़ प्रतिमाह के हिसाब से घोटाला करने की गारंटी सरकार दे। परिवार के सदस्यों मेँ उस क्षेत्र की जनता को भी गिना जा सकता है। छुटभैये नेताओं को भी पार्टी से 10 परसेंट घोटाले की रकम मिलने की गारंटी होनी चाहिए।
घोटाला गारंटी योजना से देश को बहुत ही लाभ होंगे। मसलन फालतू की फाइलों के रख-रखाव का खर्च बचेगा। कैग –विजिलेन्स की जरूरत नहीं होगी। इससे ही करोड़ों बचेंगे। लोकयुक्त या सीबीआई की जरूरत नहीं होगी, जिससे की नेताओं की बीमारी पर खर्च कम आएगा, उनका स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। पैसा बचेगा सो अलग। बाकी इस घोटाला गारंटी बिल के मसौदे मेँ जो कमियाँ होंगी, वह जब बिल पर चर्चा होगी, तो अनुभवी लोगों द्वारा दूर हो जाएंगी।