है बहुत दुशवार जीना, घर के वीराने से,
जिंदगी आबाद होती, बस तेरे आने से !!
बस तुम्हारी ही खुशी है, इस जहां में बेहिसाब ,…
है बहुत दुशवार जीना, घर के वीराने से,
जिंदगी आबाद होती, बस तेरे आने से !!
बस तुम्हारी ही खुशी है, इस जहां में बेहिसाब ,…
दिल में है किसके क्या? ये जताते नहीं हैं लोग !
होंठों पे दिल की बात भी, लाते नहीं हैं लोग !
खुद कुछ ना करें, सबकुछ भगवान से चाहें,…
सियासत से नफरत, भले हो सभी को,
मगर हम सियासत, की ही बात करते हैं।
सजा के हैं काबिल, गुनहगार जो,
वही बेगुनाहों की, सजा माफ करते हैं।…
हम उनसे मुहब्बत का, इजहार ना कर पाए।
दिल में ही रही चाहत, एक बार ना कह पाए।
चाहा तो बहुत दिल का, हम हाल बताएंगे,
कोशिश भी किया लेकिन, हर …
शराफत देख बन्दों की, हुआ करतार सदमें में ।
वफ़ा का हश्र वो देखा, कि है एतबार सदमें में ।
हैं जीते खाप के ही खौफ़ में, कानून और प्रेमी,…
ये कैसी रात है, दिखता नहीं सवेरा है।
जहां-जहां भी नजर जाती है अंधेरा है।
जहां थी प्यार की, आबाद अभी तक बस्ती
वहीं…
माहौल मुल्क का, ठण्डा तो है,
पर इस कदर ठण्डा भी नहीं है ।
कहीं हाथों में, कत्ल को बन्दूक तो है
कहीं,चलने के लिये हा…
कुछ हम भी हैं,दुनिया को दिखा क्यों नहीं देते
बीमार को, अब जहर पिला क्यों नह…
हम उनको चाहते रहे, दीवानों की तरह,
मिले हमेशा वो मुझसे, बेगानों की तरह
शम्मा की तरह जल के, ना कर पाये रोशनी,
जलकर भी हमने देखा, परवान…
फिर एक बार काला गुरुवार हो गया है।
अब आदमी का जीना दुश्वार हो गया है।
दिल्ली हो या बनारस, जम्मू हो या की पटना
मुंबई हो या कहीं …
फिर एक बम फूटा है।
फिर कुछ चीखें निकली हैं,
फिर कुछ लाशें, फिर कुछ घायल
फिर से बहाने, वही तराने, अब तक जो की झूठा है।
फिर …
जाने क्यूँ रिश्तों पे,एतबार से डर लगता है ।
अब तो कांटों का क्या,फ़ूलों के वार से डर लगता है।
कल तक, जो जगह होती थी, इंसाफ़ का मन्दिर,…
जहाँ में देश का अपने भी, रोशन नाम हो जाए
अगर एक दिन सियासत का, वतन के नाम हो जाए
गरीबों की सियासत कर, वतन को बेंचने वाले…
हम बहरोंको तान, सुनाने बैठ गये।
कौवों को हम गान, सुनाने बैठ गये ।
देश बेंचनें-वाले, सत्ताधीशों को,
संसद का सम्मान, सुनाने बैठ गये। …
हिन्दुस्तान में हिन्दी का, आज हो रहा यह सम्मान
हिन्दी पखवाडे के अलावा, हिन्दी कभी ना आये ध्यान
भाषण में हम कहते, ‘हिन्दी, बहुत सुबोध, …
नेता बनूँ मैं देश का, अरमान बहुत है।
पर क्या करूँ मैं दिल मेँ, ईमान बहुत है।
संसद हो या तिहाड़, कोई फर्क नहीं ज्यादा
चोरों, लुटे…
उस दिन से जिंदगी, बहुत आसान हो गयी।
जिस दिन हमारी आप से, पहचान हो गयी।
अब तक ना थी ख़्वाहिश कोई, मंजिल ना इरादा,
अब दिल की सारी ह…
हम अपने देश के हालात ! क्या कहें साहब !!
दिल में जलते हुये जज़्बात! क्या कहें साहब !!
इतने सालों की, जम्हूरियत का, हासिल क्या?…
Very nice 👍👍
Jabardast
Kya baat hai manoj Ji very nice mind blogging
Keep your moral always up
बहुत सुंदर है अभिव्यक्ति और कटाक्ष
अति सुंदर
व्यंग के माध्यम से बेहतरीन विश्लेषण!
Amazing article 👌👌
व्यंग का अभिप्राय बहुत ही मारक है। पढ़कर अनेक संदर्भ एक एक कर खुलने लगते हैं। बधाई जानी साहब....
Excellent analogy of the current state of affairs
#सत्यात्मक व #सत्यसार दर्शन
एकदम कटु सत्य लिखा है सर।
अति उत्तम🙏🙏
शानदार एवं सटीक
Niraj
अति उत्तम जानी जी।
बहुत ही सुंदर रचना रची आपने।
अति उत्तम रचना।🙏🙏
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