हिन्दुस्तान में हिन्दी का, आज हो रहा यह सम्मान
हिन्दी पखवाडे के अलावा, हिन्दी कभी ना आये ध्यान
भाषण में हम कहते, ‘हिन्दी, बहुत सुबोध, सरल है’
लेकिन फि़र भी बात-बात में, अंग्रेजी का दखल है
अंग्रेजी रग -रग में बसी है, हिन्दी है बस नारों में
अंग्रेजी तो सबल हो गयी, ये अब भी लाचारों में
अंग्रेजी से सभ्य बनें, हिन्दी पिछडों की पहचान
हिन्दुस्तान में हिन्दी का, आज हो रहा यह सम्मान
हिन्दी घर में दासी बन गयी, अंग्रेजी महारानी
देश में कोई हिन्दी बोले, तो होती है हैरानी
यू.एस.ए. में हिन्दी बोलें, दिल्ली में अंग्रेजी
भाषा में भी राजनीति की, अजब मिलावट देखी
दिल्ली में कोई भले ना जाने, संयुक्त राष्ट्र में हो पहचान
हिन्दुस्तान में हिन्दी का, आज हो रहा यह सम्मान
हिन्दी पखवाडे से केवल, चलने वाला काम नहीं
बारहमासी हिन्दी हो, इससे पहले आराम नहीं
भाषण, नारों, से बाहर, जब आयेगी हिन्दी
तभी बनेगी हिन्दुस्तान के, माथे की बिन्दी
रोजगार जब जुडेगा इससे, होगा तब इसका फ़ैलाव
रोजगार के कारण ही तो, अंग्रेजी का बढा है भाव
पेट पड़ रहा भारी ‘जानी’ , दबा रहा हिन्दी का मान
हिन्दुस्तान में हिन्दी का, आज हो रहा यह सम्मान
हिन्दी पखवाडे के अलावा, हिन्दी कभी ना आये ध्यान