अपना संविधान है....
सबको गरिमा से जीने का,
हक देता संविधान है।
वर्ण-लिंग या जाति-धर्म सब,
उसके लिए समान है।
वैज्ञानिक चेतना बढ़ाए,
मानवता समझाए।
समता,स्वतंत्रता,अभिव्यक्ती
और बंधुता लाए।
रोके, सबको आडंबर से,
शोषण से मजदूरों को।
भेदभाव ना, मिले बराबर
न्याय सभी मजबूरों को।
संविधान के आगे कोई
छोटा, ना ही महान है।
सबको गरिमा से जीने का,
हक देता संविधान है।
सबके कर्तव्यों को बताए,
अफसर नेता या मजदूर।
फर्ज और अधिकारों में भी,
साम्य बनाए है भरपूर।
अवसर की समता दे सबको,
सभी तरह का न्याय दे।
देश एकता और अखंडता,
भाईचारे का भाव दे।
एक वोट का हक सबको दे,
निर्धन या धनवान है।
सबको गरिमा से जीने का
हक देता संविधान है।
शोषित-वंचित-महिलाओं को,
हक-सम्मान दिलाया।
उत्तर दक्षिण पूरब पश्चिम,
देश अखण्ड बनाया।
बने आधुनिक भारत जिसने,
ऐसी राह दिखाई।
सभ्य सुसंस्कृत बने नागरिक,
छोड़ सभी कबिलाई।
बातें वही मानता "जानी",
जो सम्मत विज्ञान है।
सबको गरिमा से जीने का,
हक देता संविधान है।