वो चिंता पे चिंता, किये जा रहे हैं।
हम उनके भरोसे, जिये जा रहे हैं।
महंगाई पे चिंता, बेगारी पे चिंता,
वो चिंता बराबर, किये जा रहे हैं।
हम उनके भरोसे, जिये जा रहे हैं।
घटी है गरीबी, बेगारी घटी है,
वो डेटा पे डेटा, दिए जा रहे हैं।
हम उनके भरोसे, जिये जा रहे हैं।
तरक्की हुई खूब, खुशहाली छाई,
ये एलान हर दिन, किये जा रहे हैं।
हम उनके भरोसे, जिए जा रहे हैं।
हवाई किले और, मुद्दे हवाई,
नये रोज वादे, किये जा रहे हैं।
हम उनके भरोसे, जिये जा रहे हैं।
नए टैक्स हर दिन, लिए जा रहे हैं।
सुशासन पे भाषण, दिये जा रहे हैं,
ट्वीटर से शासन, किये जा रहे हैं।
जनता के मुद्दे पे, खामोश रहना,
बजरंगी-वीएचपी, से कुछ न कहना,
रेडियो पे मन की, किये जा रहे हैं।
हमारी उन्हें ख़ूब, चिंता है ‘जानी’,
चिंता तो हम भी, किये जा रहे हैं।
बिना पानी के ही, पिये जा रहे हैं।