नफरत हिंसा फैला कर जो, देशद्रोह का काम कर रही।
रावण की औलादें हैं जो, राम को बस बदनाम कर रही।
जय श्रीराम बोलकर जब, मुस्लिम की लाश बिछाता है।
मुस्लिम की तो बात छोड़ दो, हिन्दू को राम डराता है।
देशभक्ति और धर्म की आड़ में, सारे काले काम कर रही।
रावण की औलादें हैं जो, राम को बस बदनाम कर रही।
जिनके हाथ में जिम्मेदारी, वो चुप होकर सोये हैं।
नेता छोड़, चुने जो राजा, वो इतिहास में रोए हैं।
मानवता भी शरमा जाए, ऐसे ऐसे काम कर रही।
रावण की औलादें हैं जो,राम को बस बदनाम कर रही।
हिन्दू-मुस्लिम, पाकिस्तान से, बस जिनको अनुराग है।
देशभक्ति के नाम पे केवल, एक ज़हरीली आग हैं।
वोटों की फसल उगाने को, मुस्लिम-पाकिस्तान कर रही।
रावण की औलादें हैं जो, राम को बस बदनाम कर रही।
कब तक हिन्दू मुस्लिम रहेंगे, बनेंगे कब हिंदुस्तानी?
कहां गया वो भाईचारा, इतने जाहिल क्यों “जानी”?
तुमको धर्म सिखाकर वो, सत्ता का इंतेजाम कर रही।
रावण की औलादें हैं जो, राम को बस बदनाम कर रही।