बढ़िया है... भई...बढ़िया है...
तेरे नेता देश लूटते, देश भक्त बस मेरे नेता,
सबके अपने चश्मे हैं, सबका अलग नजरिया है।
बढ़िया है...भई... बढ़िया है...
बन्दर की सब उछल-कूद पर, एश मदारी काट रहे,
नेता आज मदारी हैं, जनता हुई बंदरिया है,,
बढ़िया है...भई... बढ़िया है...
इनके नारे, उनके वादे, सुन-सुन सत्तर साल गए,
इंतजार में अच्छे दिन के, बीती जाए उमरिया है...
बढ़िया है...भई... बढ़िया है...
सेल्फी से बेटियाँ बचायें, स्वच्छता लाएँ सेल्फी से,
योगा सेल्फी वालों की, मोटी दिखे कमरिया है…
बढ़िया है...भई... बढ़िया है...
भेड़िये करते रखवाली हैं, मेमने तेरे बच्चों की,
फर्क नहीं है कोई भी, मुजफ्फरपुर या देवरिया है....
बढ़िया है...भई... बढ़िया है...
फसल उगाते वोटों की, हिन्दू-मुस्लिम कर-करके,
गाय पे चढ़के मानुष काटें, ज़हर जेहन में भर रिया है।
बढ़िया है...भई... बढ़िया है...
देश साफ कर भरें तिजोरी, 'जानी' अपनी कूबत भर,
सबकी अपनी गंगा हैं, सबकी अपनी दरिया है...
बढ़िया है...भई... बढ़िया है..